*कमज़ोर दिल के लोग यह कहानी न पढ़ें।*रिया की मममी - "मैं और मेरे पति सामानय जीवन वयतीत कर रहे हैं...कम से कम बाहर से कोई मिले या देखता होगा, वह तो यही कहेगा। कुछ महीने पहले हमारी एकलौती बेटी रिया ने आतमहतया कर ली। उसका वज़न सामानय से अधिक था, बस इतनी सी बात थी। भला यह भी कोई बात हुई? काश एक बार मुझसे या अपने पिता से अपना जी बाँट लेती। समाज की यही तो रीत है - हर चीज़ में सामानय होने की एक सीमा/रेंज है। जैसे शादी इतने साल से इतने साल तक हुई तो ठीक इसके बाहर तो बरबाद, इतना शरीर सामानय, इसके ऊपर या न...
Published on February 08, 2017 04:15