गिरधारी बाबा ऊपरी संकट, भूत-परेत-चुड़ैल भगाने में पारंगत थे। एक सुनसान रात बाबा भारी जवर से पीड़ित अपने आशरम के बाहर पड़े होते हैं और कई भूत, चुड़ैल और परेत उनहें घेर लेते हैं। बुखार मे तप रहे बाबा कराहते हुए कहते हैं - "चीटिंग! अब इस हालत में बदला लोगे तुम लोग?"
भूत दल के मुखिया - "ओहोहोहो...देखो बहुरानी आदरश-उसूलों की बात कर रहीं हैं! तब ये बातें कहाँ होती हैं जब हमारा धयान बँटाकर हमे झाड़ू-चिमटे पेले जाते हैं? भगवान की आड़ लेकर मंतर फूंके जाते हैं? हमारा भी तब ऐसा ही हाल होता है। खैर, हम बदला-वदल...
Published on July 25, 2016 05:14