Mohit Sharma's Blog, page 18

May 19, 2016

Short film - Dushman (Anti-Body) | Freelance Talents | Theatrix



Hindi Short film - Dushman (Anti-Body) | Freelance Talents | Theatrix, Pune - https://www.youtube.com/watch?v=-m1TCS4-SMs
A guy suffering from Alien Hand Syndrome. Budget constraints....not enough to shoot some graphic scenes. Nice effort by all students. 
P.S. Second short film with Theatrix group after Bawri Berozgari (April 2015)
#shortfilm #video #AlienHandSyndrome #theatrix #freelance_talents #tufail #kushagra #mohitness&...
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Published on May 19, 2016 16:41

May 15, 2016

भाई-यार (संवाद-कहानी) | मोहित शर्मा ज़हन


देश के चहेते अभिनेता परणय पाल का नाम पैसो के गबन के मामले में सामने आया। परणय के एक बड़े परशंषक को यह खबर नहीं पची। 
"भाई! ये सब चोचले होते हैं मीडिया और इनके एंटी कैंप वालो के। इतनी बड़ी हसती का नाम ख़राब करने की नौटंकी है बस।"
परशंषक का भाई रुपी दोसत बोला - "हाँ भाई, मीडिया और एंटी कैंप करते हैं ऐसी हरकतें पर कभी-कभी सही भी होती हैं ये ख़बरें। इस बार तो मुझे भी शक है..."
पर यह बात परशंषक को जँची नहीं - "यार वो तेरे फेवरेट एकटर नहीं हैं तो ज़बरदसती चिढ मत।"
भाई से फ़िर यार बना वयकति बोला - "चिढ़ने...
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Published on May 15, 2016 08:34

Nazm : Ab Lagta Hai (अब लगता है....) - मोहित शर्मा ज़हन


*) - अब लगता है.... 
मेरे पहरे में जो कितनी रातों जगी,कब चेहरा झुकाए मुझे ठगने लगी,पिछले लमहे तक मेरी सगी,जानी पहचानी नज़रें अब चुभने लगीं। याद है हर लफज़ जो तुमने कहा थाअब लगता है.... इशक़ निभाना इतना भी मुशकिल न था.... 
अटके मसलात पर क़ाज़ी रसम निभाए,उममीदों में उलझा वो फिर कि... ...पुराने कागज़ों में वो ताज़ी खुशबू मिल जाए। जाते-जाते एक खत सिरहाने रखा था,अब लगता है.... इशक़ निभाना इतना भी मुशकिल न था....
कागज़ों से याद आया कभी तालीम ली थी.....कुछ वायदों के क़तल पर मिल...
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Published on May 15, 2016 00:15

May 10, 2016

पगलऊ वार्डन (लघुकथा) #ट्रेंडस्टर


9 वरष की बचची के साथ कुकरम करने और उसे कोमा में पहुंचाने के बाद सकूल सरटिफिकेट के दम पर 15 वरष का पवन राज जुवेनाइल कोरट के कटघरे में मासूम बना खड़ा था। पुलिस, लड़की के परिजन, पतरकार और सवयं नयायाधीश जानते थे कि लड़का 19-20 साल से कम नहीं है। पुलिस ने सही आयु जानने के लिए बोन डेंसिटी टेसट करने की मांग रखी तो लड़के के बाप ने मानवाधिकार आयोग से बाधा लगवा दी। लड़के को बाल सुधार गृह में सिरफ 3 साल की कैद हुई। कई दुकानों वाले सुनार बाप मुकेश राज की पहुँच कम नहीं थी।
पवन को चिंता थी - "पापा जी, सुना है मे...
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Published on May 10, 2016 07:49

March 10, 2016

सभ्य रोमानी बंजारा (कहानी)

अथाह समुदर से बातें करना मेरा शौक है। यह हर बार मुझे कुछ सिखाता है। मैं सागर किनारे या नाव से किसी टापू पर या फिर सागर के बीचो बीच अकसर आता हूँ। हाँ, जब कोई बात अकसर हो तो उस से कभी-कभार बोरियत हो जाती है। वो ऐसा ही एक कभी-कभार वाला दिन था।  इतना सीखा था सागर से कि ऐसे दिन झेले जा सकते थे। जब लगा कि अब चलना चाहिए तभी एक बोतल तैरती नज़र आई। वाह! मन में बहुत सी बातें घूमने लगी। कया होगा बोतल में? किसी ख़ज़ाने का नकशा, या किसी ऐतिहासिक हसती का आखरी संदेश या परगरहियों की नौटंकी?
बंद बोतल में कई...
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Published on March 10, 2016 13:09

March 3, 2016

The Freelance Talents Championship 2015/16 Project has been successfully completed

FTC Winners Table Wiki

For more information on #FTC1516 3 rounds, artworks, stories and participants, visit: Freelance Talents Championship Blog


Final Team Standings - Freelance Talents Championship 2015-16 #FTC1516
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Published on March 03, 2016 02:34

February 21, 2016

फिरोज़ी अनानास - मोहित शर्मा ज़हन #trendster

वैजञानिक नोमन आज कुछ पगलाया सा था। ख़ुशी में हलकाहट, बीच-बीच में उसकी चाल से अपने आप नाच तक निकल रहा था। कई हफ़तों की मेहनत के बाद उसने एक उलकापिंड के टुकड़ो के गिरने के सथान को चिंहित करने के साथ एक अनूठी खोज की थी। उलकापिंड के टुकड़े जिस घने जंगली, सुनसान सथान पर गिरे थे वहां बहुत से अनानास के पेड़ थे। उलकापिंड में मौजूद ततवों के परभाव से अनानास के पेड़ और फल विशालकाय और फिरोज़ी रंग के हो गए थे। अब नोमन दुविधा में था। अगर किसी और को या सरकार को बताया तो संभव है कि इस खोज का शरेय, आगे का अनुसंधान औ...
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Published on February 21, 2016 01:01

January 26, 2016

"बड़े हो जाओ!" - मोहित शर्मा (ज़हन)

अपनी बचची को सनसकरीन लोशन लगा कर और उसके हाथ पांव ढक कर भी उसे संतुषटि नहीं मिली। कहीं कुछ कमी थी...अरे हाँ! हैट तो भूल ही गया। अभी बीमार पड़ जाती बेचारी...गरदन काली हो जाती सो अलग। उस आदमी को भरी धूप, गलन-कोहरे वाली कड़ी सरदी या बरसात में भीगना कैसा होता है अचछी तरह से पता था। ऐसा नहीं था कि वो किसी गरीब या अभागे परिवार में जनमा था। पर अपने दोसतों, खेल या कॉमिकस के चककर में वो ऐसे मौसमो में बाहर निकल आता जिनमें वो किसी और बात पर बाहर निकलने की सोचता भी नहीं। ये उसका पागलपन ही था कि जब समाचारपत...
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Published on January 26, 2016 13:16

December 14, 2015

Micro Fiction Experiments - 4 & 5 #trendster

Micro Fiction Experiment # 04 (Theme - Sports)

*) - कुछ खिलाडी असल रिकारडस की जगह सिरफ घरेलु, जूनियरस लेवल और किवदंतियों का हिससा बनने के लिए दुनिया में आते है। हाँ...ये बात और है जिसने भी उनहें खेलते देखा, वो उनहें कभी भुला नहीं सका। 
*) - जब फिटनेस थी तब अक़ल का अकाल था। अब अक़ल आयी तो शरीर पेट कटा ष सा हो लिया...भक!
*) - कहने को तो रजत पदक, कांसय पदक से ऊपर माना जाता है पर मेडल सेरेमनी के बाद पता नहीं कयों कांसय पदक अरजित करने वाले खिलाडी की नींद मिलीसेकेंड, आधे पॉइंट को याद कर करवट बदलते...
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Published on December 14, 2015 12:09

December 13, 2015

New Podcast - Avchetan Mastishk Locha (Mohit Trendster)

My latest comedy podcast after a log time, "Avchetan Mastishk Locha". Do leave feedback! 
Podcast link:
https://soundcloud.com/mohit-trendster/avchetan-mastiksh-locha-mohit-trendster
Also uploaded - Vocaroo, Clyp, Picosong, wordpress etc.
Aapke mastishk, mastiksh.... masshuhs...Massachusetts... Dimaag mey kya kya pada rehta hai jo life mey kabhi kaam nahi aata. Par jis detail k saath dil se ye sab yaad rehta hai lagta hai kisi janm mey kahin reh gayi secret tijori ka password hai. Aasha hai...
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Published on December 13, 2015 21:37