Mohit Sharma's Blog, page 15
March 9, 2017
कुत्ते ने काट लिया! (हास्य कहानी) #ज़हन
दिलजला कुतताकुतते के काटने और गोली लगने में तुलना की जा सकती है। जैसे कुतता काटकर निकल ले, उसके दाँतों और आपके शरीर का कोण सही ना बैठे या आप तुरंत छुड़ा लें, तो उसे गोली शरीर से छूकर निकलना कहा जा सकता है, फिर दूसरा होता है कि कुतता तसलली से शरीर के किसी हिससे को हपक के काटे और कुछ सेकंड चिचोड़े भी तो इसे कहेंगे गोली लगना। अभी रुकिए! तीसरा गोलियों से छलनी होना नहीं सुना? या जो फिलमों में विलेन बोलते हैं, "गोलियों से भून डालो इसे!" वो तब होता है जब कुतता पगला जाए और वयकति को जगह-जगह काटे, मारने-...
Published on March 09, 2017 19:50
March 5, 2017
दूजी कोख में 'अपना' बच्चा (कहानी)
Artwork - Kishore Ghosh"यह सर राजसथान कहाँ पैसे भेज रहे हैं पिछले कुछ समय से? किसी कोरट केस में फँस गए कया? इतने सालो से विदित सर के साथ हूँ, ऐसा कुछ छुपाते तो नहीं हैं वो मुझसे।" सटील व कपडा उदयोगपति पंकज जाधव के अकाउंटेंट सुमंत ने उनके सेकरेटरी कुणाल से पूछा।
कुणाल को तो जैसे यह बात बाँटने का बहाना चाहिए था। "एक औरत बलैकमेल कर रही है सर को..."
सुमंत ने उतसाह में कुणाल की बात काट कर उसका आधा वाकय खा लिया। सुमंत - "ओह! अपने सर भी गलत आदमी निकले! यह समझ नहीं आया कि मु...
Published on March 05, 2017 17:23
February 22, 2017
स्लीपर क्लास पत्नी, फर्स्ट ए.सी. पति (कहानी)
कुंठा अगर लंबे समय तक मन में रहे तो एक विकार बन जाती है। कुंठित वयकति यूँ ही गढ़ी बातों को बिना कारण विकराल रूप दे डालता है। कुछ ऐसा ही हाल विकल को अपने मितर और बिज़नस पारटनर चरणपरीत का लग रहा था। एक बार वयापार से जुड़े मामले में दोनों मितर कार से दूसरे शहर जा रहे थे। सफर 6-7 घंटे का था और एक-डेढ़ घंटो में ही दोनों कार के सटीरियो में पड़ी एकमातर सीडी के गानो से ऊब गए थे। चरणपरीत ने रेडियो टयून करने की कोशिश की पर बड़ी खरखराहट के साथ आ रही आवाज़ सुनकर उसने रेडियो बंद कर दिया। फिर समय काटने के लिए और...
Published on February 22, 2017 07:19
February 16, 2017
छूटी डोर (कहानी)
हिनदी, अंगरेजी साहितय के बहुत बड़े समीकषक-आलोचक, अनुवादक शरी अनूप चौबे का टी.वी. साकषातकार चल रहा था। साकषातकारकरता अनूप के पुराने मितर नकुल परसाद थे। कुछ सवालो बाद नकुल को एक बात याद आ गई और अपने साथ लाये सवालो के बीच उनहोंने एक सवाल रखा।
"आपने पहले कई बार अपना उपनयास, कथा/कावय संगरह लिखने की मंशा मुझसे साझा की थी। उस बारे में कुछ बताएं?"
हालाँकि, यह इंटरवयू लाइव नहीं था पर चौबे जी असहज हो गए। कुछ संभलने के बाद उनहोंने फिर बोलना शुरू किया।
"वरषो तक एक के बाद एक ना जाने कितनी कहानियों...
Published on February 16, 2017 14:22
February 8, 2017
रिया के मम्मी-पापा (डार्क कहानी)
*कमज़ोर दिल के लोग यह कहानी न पढ़ें।*
रिया की मममी - "मैं और मेरे पति सामानय जीवन वयतीत कर रहे हैं...कम से कम बाहर से कोई मिले या देखता होगा, वह तो यही कहेगा। कुछ महीने पहले हमारी एकलौती बेटी रिया ने आतमहतया कर ली। उसका वज़न सामानय से अधिक था, बस इतनी सी बात थी। भला यह भी कोई बात हुई? काश एक बार मुझसे या अपने पिता से अपना जी बाँट लेती। समाज की यही तो रीत है - हर चीज़ में सामानय होने की एक सीमा/रेंज है। जैसे शादी इतने साल से इतने साल तक हुई तो ठीक इसके बाहर तो बरबाद, इतना शरीर सामानय, इसके ऊपर या न...
Published on February 08, 2017 04:15
रिया के मम्मी-पापा (डार्क कहानी) - मोहित शर्मा ज़हन
*कमज़ोर दिल के लोग यह कहानी न पढ़ें।*
रिया की मममी - "मैं और मेरे पति सामानय जीवन वयतीत कर रहे हैं...कम से कम बाहर से कोई मिले या देखता होगा, वह तो यही कहेगा। कुछ महीने पहले हमारी एकलौती बेटी रिया ने आतमहतया कर ली। उसका वज़न सामानय से अधिक था, बस इतनी सी बात थी। भला यह भी कोई बात हुई? काश एक बार मुझसे या अपने पिता से अपना जी बाँट लेती। समाज की यही तो रीत है - हर चीज़ में सामानय होने की एक सीमा/रेंज है। जैसे शादी इतने साल से इतने साल तक हुई तो ठीक इसके बाहर तो बरबाद, इतना शरीर सामानय, इसके ऊपर या न...
Published on February 08, 2017 04:15
January 21, 2017
जुग जुग मरो #1 - मुआवज़ा (काव्य कॉमिक)
जुग जुग मरो सीरीज की पहली कविता और कॉमिकस के संगम से बनी कावय कॉमिकस, "मुआवज़ा" शराबियों और सरकार पर कटाकष है, जो अपने-अपने नशे में चूर पड़े रहते हैं और जब तक उनहें होश आता है तब कुछ किया नहीं जा सकता। अपना मन बहलाने के लिए कड़े कदम और राहत की मोक डरिल की जाते है और फिर सब पुराने ढररे पर लौट आते हैं। मुशकिल सामने पड़ी चुनौतियाँ नहीं बलकि उनसे निपटने की नियत रखने में है। समाज का एक तबका इतना वयरथ माना जाता है कि 10 जाएं या हज़ार मजाल है जो समाज ठिठक तक जाए।
मोहित शरमा ज़हन की परतिलिपि परोफ...
Published on January 21, 2017 10:24
December 17, 2016
दुश्मन मेहमान (कहानी)
वरष 1978बरिटिश सामराजय से आज़ादी मिलने के बाद बने करोनेशिया और सरबा पडोसी मुलकों के बीच रिशते हमेशा तलख़ रहे। दशकों तक शीत युदध की सथिति में दोनों देशो का एक बार भीषण युदध हो चुका था। अंतरराषटरीय दबाव के बाद युदध समापत हुआ। युदध में कुछ टापू और समुदरी सीमा कबज़ाने वाले सरबा को जीत मिली थी पर दोनों तरफ भारी नुकसान हुआ था। युदध के बाद सथिति काफी बदल गयी थी। अब करोनेशिया एक अचछे-खासे रकषा बजट के साथ आरथिक रूप से सशकत राषटर था।
रिक समिथ नामक नयूकलियर साइंटिसट का नाम अकसर किससे-कहानियों में आता था। लो...
Published on December 17, 2016 06:47
December 9, 2016
Book: Apne-Apne Kshitij (Lagukatha Sankalan)
4 stories in the anthology, Book Launch: 8 January, 2017 - World Book Fair Delhi :)अपने-अपने कषितिज - लघुकथा संकलन (वनिका पबलिकेशनस)56 लघुकथाकारों की चार-चार लघुकथाओं का संकलन।मुखावरण - चितरकार कुंवर रविंदर जी
विशव पुसतक मेले में 8 जनवरी 2017 को 11:30 बजे वनिका पबलिकेशनस के सटैंड पर इस पुसतक का विमोचन का कारयकरम है व, जिसमें आप सभी आमंतरित हैं।
Published on December 09, 2016 10:14
December 4, 2016
कद्र (काव्य कॉमिक #12) #Freelance_Talents
Kadr (Kavya Comic Series)
Deepjoy Subba (Illustrator), Mohit Sharma (Writer-Poet), Harendra Saini (Colorist), Youdhveer Singh (Letterer), Cover Artist – James Boswell
Intro Poem (2016), Comic Poem (2007), Cover Art (1939)====================
बेटा जब बड़े हो जाओगे....बेटा जब बड़े हो जाओगे ना......और कभी अपना परयास निररथक लगें, तो मुरझाये पततो की रेखाओं से चटख रंग का महततव मांग लेना। जब जीवन कुछ सरल लगे,तो बरसात की तैयारी में मगन कीड़ो से चिंता जान लेना।
बेटा जब बड़े हो जाओगे ना......और कभी द...
Published on December 04, 2016 22:51


